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क्या लंबे समय तक कब्ज़ रहना शरीर के लिए खतरा है?

Understanding Constipation: Causes, Symptoms, and Relief

कब्ज़ क्या है?

  • कब्ज़ यानी कॉन्स्टिपेशन एक आम पाचन समस्या है
  • जिसमें मल त्यागने में कठिनाई होती है या मल पूरी तरह से साफ नहीं हो पाता।
  • अगर किसी व्यक्ति को सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग होता है, तो उसे कब्ज़ माना जाता है।
  • इस दौरान मल कड़ा, सूखा और निकालने में दर्दनाक हो सकता है। यह स्थिति असहजता, गैस, फूले हुए पेट और सुस्ती का कारण बन सकती है।

कब्ज़ के कारण क्या होते हैं?

  • कब्ज़ के सबसे आम कारणों में शामिल हैं – फाइबर की कमी वाली डाइट,
  • पर्याप्त पानी न पीना, अधिक तला-भुना और प्रोसेस्ड खाना खाना,
  • दिनभर बैठे रहना (sedentary lifestyle), शारीरिक गतिविधियों की कमी, मानसिक तनाव,
  • नींद की कमी, यात्रा के दौरान रूटीन का बदल जाना और कुछ दवाएं जैसे आयरन या पेनकिलर।
  • इसके अलावा, बुज़ुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं में भी कब्ज़ आम बात है।

कब्ज़ होने पर शरीर पर क्या असर पड़ता है?

  • कब्ज़ होने से पेट में भारीपन, दर्द, गैस और सिरदर्द हो सकता है।
  • कई बार भूख नहीं लगती और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है।
  • लंबे समय तक कब्ज़ रहने पर बवासीर, फिशर, आंतों की सूजन और टॉक्सिन जमा होने की समस्या हो सकती है।
  • इससे त्वचा पर भी असर पड़ सकता है, जैसे पिंपल्स या डलनेस।

कब्ज़ से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

  • फाइबर युक्त आहार जैसे हरी सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज (जैसे ओट्स, दलिया, ब्राउन राइस) और दालें खाना चाहिए।
  • दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है।
  • नियमित रूप से योग, वॉक या कोई भी शारीरिक गतिविधि करें।
  • टॉयलेट जाने की आदत को न टालें और रोज़ाना एक ही समय पर शौच के लिए जाएं।

घरेलू नुस्खे जो कब्ज़ में राहत दें

  • इसबगोल भूसी रात को गुनगुने दूध या पानी के साथ लें।
  • त्रिफला चूर्ण या टैबलेट भी पाचन सुधारने में मदद करता है।
  • गुनगुना नींबू पानी, अजवाइन और सौंफ का पानी, आंवला पाउडर, अलसी के बीज – ये सब पाचन को ठीक करते हैं और मल को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

अगर कब्ज़ कई हफ्तों तक बना रहे, खून के साथ मल आए, वजन अचानक घटने लगे या पेट में लगातार दर्द हो – तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार यह किसी बड़ी आंत या लीवर की समस्या का संकेत हो सकता है।

अगर आप चाहें तो इस पर एक सीरीज़ भी बन सकती है – जैसे:

  • “सुबह पेट साफ़ न हो तो क्या करें?”
  • “कब्ज़ में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?”
  • “बच्चों में कब्ज़ क्यों होता है?”

क्या लंबे समय तक कब्ज़ रहना खतरनाक हो सकता है?

  • कब्ज़ को अक्सर एक सामान्य समस्या माना जाता है, लेकिन जब यह लंबे समय तक बना रहे तो यह शरीर के लिए गंभीर संकेत भी हो सकता है।
  • लगातार हफ्तों या महीनों तक पेट साफ़ न होना, मल त्याग में अत्यधिक तकलीफ़ होना या गैस और सूजन का लगातार बना रहना शरीर में किसी बड़ी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

पुरानी कब्ज़ का शरीर पर क्या असर पड़ता है?

  • पुरानी कब्ज़ शरीर में टॉक्सिन जमा कर देती है, जिससे सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, पाचन गड़बड़, त्वचा के रोग और कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • मल का लंबे समय तक आंतों में रुके रहना बवासीर, फिशर और रेक्टल ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
  • यह लिवर पर भी असर डाल सकता है और शरीर की सफाई प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।

कौन सी आदतें कब्ज़ को और बिगाड़ती हैं?

  • सुबह उठकर तुरंत मोबाइल देखना और देर तक बिस्तर में पड़े रहना, टॉयलेट की इच्छा को बार-बार टालना, जंक फूड का ज़्यादा सेवन करना और शारीरिक गतिविधियों की कमी – ये सब आदतें कब्ज़ को बढ़ा सकती हैं।
  • इसके अलावा अत्यधिक तनाव और चिंता भी आंतों की गति को धीमा कर देती हैं।

कब्ज़ से राहत के लिए कौन सी दिनचर्या अपनाएं?

  • सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीएं। उसके बाद कुछ हल्का योग या वॉक करें।
  • रोज़ कम से कम 25-30 ग्राम फाइबर अपनी डाइट में शामिल करें। खाने में सलाद, फल (जैसे पपीता, अमरूद, केला), हरी सब्जियाँ और दालें ज़रूर लें।
  • रात को सोने से पहले इसबगोल, त्रिफला या आंवला चूर्ण लेने से भी राहत मिल सकती है।

क्या कब्ज़ का इलाज सिर्फ घरेलू उपायों से संभव है?

  • हां, अगर कब्ज़ सामान्य है और अभी शुरुआत है तो घरेलू नुस्खे और लाइफस्टाइल में बदलाव काफी असरदार हो सकते हैं।
  • लेकिन अगर यह समस्या महीनों से बनी हुई है, या किसी दवा के कारण है, तो डॉक्टर से जांच करवाना ज़रूरी है।
  • कभी-कभी थायरॉइड, डायबिटीज़ या नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी भी कब्ज़ का कारण बन सकती है।

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