कब्ज में भूलकर भी मत खाओ ये भारतीय खाने:

कब्ज में कौन से भारतीय खाने से बचें?
कब्ज क्या है?
कब्ज एक आम पेट से जुड़ी समस्या है जिसमें व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई होती है या फिर मल पूरी तरह नहीं निकलता। इसमें पेट भारी रहता है, गैस और सिरदर्द जैसी दिक्कतें भी होती हैं। यह समस्या ज़्यादातर अनहेल्दी खाने, पानी कम पीने, और एक्टिविटी की कमी से होती है।
मुख्य कारण
– पानी की कमी
– फाइबर की कमी
– जंक फूड और प्रोसेस्ड खाने की आदत
– देर रात खाना
– तनाव और अनियमित दिनचर्या
कब्ज के दौरान कुछ खास भारतीय खाद्य पदार्थ पूरी तरह से अवॉइड करने चाहिए, क्योंकि ये मल को और सख्त बनाते हैं और पाचन को बिगाड़ते हैं।
– मैदा से बने आइटम जैसे पाव, बिस्किट, समोसे, पूरी
– ज्यादा तेल में तला हुआ खाना जैसे पकोड़े, कचौड़ी, भजिया
– मसालेदार और हैवी करी जैसे शाही पनीर, बटर चिकन
– रेड मीट जैसे मटन, खासकर जब वो मसालेदार हो
– पनीर, मलाई, चीज़ जैसे भारी डेयरी आइटम
– अधपका केला क्योंकि यह मल को और सख्त कर सकता है
– बार-बार और ज्यादा चाय या कॉफी पीना
– सफेद ब्रेड या रिफाइंड आटे से बनी चीजें
– चिप्स, नमकीन, पापड़, इंस्टेंट नूडल्स जैसे प्रोसेस्ड फूड
– मिठाइयाँ जैसे बर्फी, गुलाब जामुन, लड्डू जो शक्कर और घी से भरपूर होते हैं
क्या उड़द दाल कब्ज में नुकसान करती है?
– उड़द दाल भारी होती है और गैस बना सकती है
– यह आंतों की गति को धीमा कर सकती है
– रात में इसका सेवन न करें
– अगर खाना हो तो हींग, जीरा और हल्का तड़का लगाकर खाएं
क्या दही कब्ज बढ़ा सकता है?
– दही की ठंडी तासीर कुछ लोगों में पाचन धीमा कर देती है
– रात में दही खाना कब्ज बढ़ा सकता है
– दिन में थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं
– भुना जीरा या काला नमक मिलाकर दही खाना बेहतर होता है
क्या सफेद चावल कब्ज में सही है?
– सफेद चावल में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है
– ज्यादा चावल खाने से मल सख्त हो सकता है
– इसके साथ हरी सब्ज़ियाँ और दाल ज़रूर खाएं
– विकल्प के तौर पर ब्राउन राइस या बाजरे की रोटी लेना बेहतर है
क्या मिठाई कब्ज को बढ़ाती है?
– मिठाइयाँ जैसे लड्डू, बर्फी, रसगुल्ले शक्कर और घी से भरपूर होती हैं
– ये आंतों पर दबाव बनाती हैं और पाचन क्रिया को धीमा कर देती हैं
– कब्ज की स्थिति में इनका सेवन बिल्कुल कम कर देना चाहिए
– फ्रूट बेस्ड मिठाइयाँ थोड़ी मात्रा में ली जा सकती हैं
क्या प्रोसेस्ड फूड्स कब्ज में हानिकारक हैं?
– प्रोसेस्ड फूड में फाइबर नहीं होता
– इनमें प्रिज़र्वेटिव, नमक और तेल अधिक मात्रा में होता है
– ये पाचन क्रिया को सुस्त कर देते हैं
– रोज़मर्रा के खाने में इनका इस्तेमाल टोटल अवॉइड करना चाहिए
क्या चाय-कॉफी पूरी तरह छोड़नी चाहिए?
– अगर सीमित मात्रा में चाय या कॉफी ली जाए तो चलता है
– बार-बार कैफीन लेने से शरीर में पानी की कमी होती है
– इससे मल सख्त हो जाता है
– बेहतर है कि चाय-कॉफी की जगह नींबू पानी या हर्बल टी पी जाए
कब्ज में कौन-कौन से फूड फायदेमंद होते हैं?
– पपीता, अमरूद, नाशपाती जैसे फाइबर युक्त फल
– हरी सब्ज़ियाँ जैसे पालक, मेथी, तोरी, लौकी
– ओट्स, दलिया, ब्राउन ब्रेड या म्यूसली
– छिलके वाली दालें जैसे मूंग दाल, चना दाल, मसूर दाल
– मल्टीग्रेन आटा, रागी, ज्वार या बाजरे की रोटी
– किशमिश, अंजीर जैसे ड्राय फ्रूट्स जो भिगोकर खाने पर ज्यादा असर करते हैं
– गुनगुना पानी पूरे दिन में 8 से 10 गिलास
– सुबह नींबू शहद वाला पानी
– डॉक्टर की सलाह से ईसबगोल या त्रिफला
कब्ज से राहत के लिए किन आदतों को बदलना चाहिए?
– रोज़ सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना
– हर दिन कम से कम 30 मिनट चलना या हल्की कसरत करना
– टॉयलेट रोककर न बैठें, समय पर जाएं
– दिनचर्या को नियमित करें
– रात में हल्का और जल्दी खाना खाएं
– नींद पूरी लें
– स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन या प्राणायाम करें
– देर रात मोबाइल या टीवी से दूरी रखें