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दवाइयाँ जो कब्ज़ का कारण बन सकती हैं और आसान उपाय

क्या कुछ दवाइयाँ कब्ज़ का कारण बन सकती हैं?

  • कई दवाइयाँ हमारी आंत की गति को धीमा कर देती हैं और मल को कठोर बना देती हैं।
  • खासकर अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक दवा ले रहा है, तो कब्ज़ होना आम बात है।
  • रोज़मर्रा की जिंदगी में लोग अक्सर दर्द निवारक, आयरन की गोलियाँ, कैल्शियम या ब्लड प्रेशर की दवाइयाँ लेते हैं और इन्हीं की वजह से कब्ज़ हो जाती है।
  • अगर आपको दवा लेने के बाद कब्ज़ महसूस हो, तो बिना डॉक्टर से पूछे दवा बदलना या बंद करना सही नहीं है।

दर्द की दवाइयाँ क्या कब्ज़ कर सकती हैं?

  • हाँ। दर्द की दवाइयाँ जैसे कोडीन, मॉर्फिन और अन्य ओपियोइड पेनकिलर्स आंत की गति को धीमा कर देती हैं।
  • इनके कारण मल कठोर हो जाता है और बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है।
  • ये दवाइयाँ अक्सर गंभीर दर्द या चोट के लिए दी जाती हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स में कब्ज़ सबसे आम है।
  • अगर दर्द की दवा लेने के बाद लगातार कब्ज़ हो, तो डॉक्टर से बात करके हल्का या अलग विकल्प इस्तेमाल किया जा सकता है।

एंटीडिप्रेसेंट्स क्या असर डालते हैं?

  • कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स जैसे SSRIs और ट्राइसाइक्लिक antidepressants भी कब्ज़ का कारण बन सकते हैं।
  • ये दवाइयाँ मस्तिष्क और आंत के बीच संदेशों को प्रभावित करती हैं,
  • जिससे आंत की गति धीमी हो जाती है और मल कठिन हो जाता है।
  • अगर आपको लंबे समय तक एंटीडिप्रेसेंट लेने के बाद कब्ज़ हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

एलर्जी और जुकाम की दवाइयाँ कब्ज़ कर सकती हैं?

  • हाँ। रोज़मर्रा में ली जाने वाली antihistamines जैसे ज़ुकाम या एलर्जी की दवाइयाँ भी आंत को धीमा कर सकती हैं।
  • इसके कारण मल बाहर निकलने में मुश्किल हो सकती है और कब्ज़ लगातार बनी रहती है।
  • ऐसे में पर्याप्त पानी पीना और फाइबर वाला खाना मददगार हो सकता है।

आयरन और कैल्शियम की गोलियाँ असर डालती हैं?

  • हाँ। आयरन और कैल्शियम की गोलियाँ कब्ज़ का बहुत आम कारण होती हैं।
  • ये गोलियाँ मल को कठोर बनाती हैं और इसे बाहर निकालना मुश्किल होता है।
  • खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में यह समस्या आम है।
  • अगर इन गोलियों के कारण कब्ज़ हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर दवा का समय बदलना या फाइबर बढ़ाना मददगार हो सकता है।

ब्लड प्रेशर की दवाइयाँ क्या कब्ज़ कर सकती हैं?

  • कुछ calcium channel blockers और ब्लड प्रेशर की अन्य दवाइयाँ कब्ज़ कर सकती हैं।
  • ये दवाइयाँ आंत की नर्मी कम कर देती हैं और मल बाहर आने में परेशानी होती है।
  • अगर कब्ज़ लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से मिलकर दवा बदलने या अतिरिक्त उपाय अपनाने की जरूरत होती है।

मानसिक बीमारी की दवाइयाँ असर डालती हैं?

  • हाँ। कुछ antipsychotics भी कब्ज़ का कारण बन सकती हैं।
  • ये दवाइयाँ मस्तिष्क और आंत की गति को प्रभावित करती हैं, जिससे मल कठोर हो जाता है।
  • लंबे समय तक लेने पर कब्ज़ गंभीर हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से नियमित चेकअप जरूरी है।

पानी पीने और फाइबर का असर

  • कब्ज़ में पानी सबसे ज्यादा मदद करता है। रोज़ाना पर्याप्त पानी पीने से मल नरम रहता है
  • और बाहर निकलना आसान होता है। फाइबर वाला खाना जैसे फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज और दालें भी कब्ज़ रोकने में मदद करते हैं।
  • ये भोजन आंत की गति को बढ़ाते हैं और मल को हल्का बनाते हैं।

हल्की एक्सरसाइज से फायदा होता है?

हाँ। हल्की एक्सरसाइज, चलना या योग करने से आंत की गति बढ़ती है। लंबे समय तक बैठने या सुस्त रहने से कब्ज़ बढ़ सकती है। रोज़ाना थोड़ी शारीरिक गतिविधि करना कब्ज़ रोकने का आसान तरीका है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

अगर किसी दवा के कारण कब्ज़ लगातार बनी रहे, मल कठोर या दर्दनाक हो, ब्लड में खून दिखे या पेट में लगातार दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। डॉक्टर दवा बदलने, लैक्सेटिव देने या अन्य उपाय बताकर समस्या को हल कर सकता है।

कब्ज़ रोकने और आराम देने के आसान उपाय

  • रोज़ाना पर्याप्त पानी पीएँ, फल और सब्ज़ियाँ खाएँ, हल्की एक्सरसाइज करें, मल को दबाव डालकर करने की आदत न छोड़ें।
  • अगर दवा के कारण कब्ज़ हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर लैक्सेटिव या दवा का विकल्प बदलें।
  • जीवनशैली में छोटे बदलाव भी कब्ज़ को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।

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